Gautam adani will play his trump card will spend 87 thousand crores in america.

अडानी समूह ने अमेरिका में महत्वपूर्ण निवेश की अपनी योजना फिर से शुरू की है. पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद, भारत के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में शुमार अडानी ने शुरू में संयुक्त राज्य अमेरिका में 87 हजार करोड़ का निवेश करने को कहा था जताई थी, इस कदम से लगभग 15,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद थी. लेकिन अब एक अमेरिकी रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि गौतम अडानी का ग्रुप संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में निवेश करने पर विचार कर रहा है.

अमेरिकी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार अडानी समूह ने अमेरिका में परमाणु ऊर्जा, उपयोगिताओं और पूर्वी तट पर एक बंदरगाह सहित विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं के वित्तपोषण में अपनी रुचि फिर से शुरू कर दी है. ग्रुप पर अमेरिका में बिजनेस के लिए आधिकारियों को घूंस देने का आरोप लगाया गया था, हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस नियम को ही कैंसिल कर दिया, जिसके तहत अडानी और उनके भतीजे पर आरोप लगाया गया था.

गौतम अडानी का निवेश

अडानी समूह ने अमेरिकी फर्मों के साथ संभावित सहयोग के बारे में चर्चा की है और टेक्सास में पेट्रोकेमिकल निवेश के अवसरों की खोज की है. हालांकि, समूह के पास अभी तक अमेरिका में कोई महत्वपूर्ण निवेश या परियोजना नहीं है. अडानी पर लगाए गए आरोपों के कारण, समूह के लिए यह एक बड़ा जोखिम है. हालांकि, यदि आरोप खारिज हो जाते हैं, तो अडानी अमेरिका में अपने निवेश उद्देश्यों को आगे बढ़ा सकते हैं.

निवेश होगा आसान- माइकल कुगेलमैन

वाशिंगटन के विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने कहा कि अडानी का विचार उनकी काफी संपत्ति और नरेंद्र मोदी प्रशासन, एक महत्वपूर्ण अमेरिकी सहयोगी के साथ उनके मजबूत संबंधों को देखते हुए. अमेरिका में निवेश करने का विचार संभवतः ट्रंप द्वारा अच्छी तरह से प्राप्त किया जाएगा. इसका मतलब है कि अमेरिकी सरकार अडानी को अमेरिका में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है.

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